This blog is run by Vansh Pathak
प्रभु में हो विश्वास *आस्तिक* न माने प्रभु वही *नास्तिक* कभी न पहले *अभूतपूर्व* शुभ कार्य का समय *मुहूर्त* आसमान में उड़ते *नभचर* पानी मे रहते हैं *जलचर* धरती पर रहते हैं *थलचर* जल-थल दोनों रहें *उभयचर* स्थिर रहे वही *स्थावर* रात में घूमे वही *निशाचर* कम बोले वो है *मितभाषी* मीठा बोले वो *मृदुभाषी* साहस जिसमें वही *साहसी* रण में मरता पाये *वीरगति* बेहद अच्छा होता *श्रेष्ठ* जितना चाहें वही *यथेष्ट* माने जो उपकार *कृतज्ञ* न माने उपकार *कृतघ्न* कभी न बूढ़ा होय *अजर* कभी मरे न वही *अमर* जिसमें रस हो वही *सरस* रस न हो तो है *नीरस* धीरज न हो वही *अधीर* सीमा न हो वही *असीम* धन न हो तो है *निर्धन* सब गुण *सर्वगुणसम्पन्न* साथ पढ़े वो है *सहपाठी* विद्या पाता है *विद्यार्थी* चिन्ता में डूबा है *चिन्तित* निश्चय न हो वही *अनिश्चित* कठिनाई से मिलता *दुर्लभ* आसानी से मिले *सुलभ* आँख के आगे है *प्रत्यक्ष* दिखे नहीं जो वो *अदृश्य* हिंसा करने वाला *हिंसक* रक्षा में रत है *अंगरक्षक* सच प्यारा वो *सत्यप्रिय* सबका प्रिय वो *सर्वप्रिय* सहन न हो वो *असहनीय* कह...
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