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Showing posts from January, 2018

Hindi very important short revision

संज्ञा के भेद - 5 रचना के आधार पर संज्ञा के भेद - 3 संधि के भेद - 3 स्वर संधि के भेद - 5 समास के भेद - 6 तत्पुरुष समास के भेद - 6 कारक के प्रकार - 8 वचन कितने प्रकार के है - 2 लिंग के प्रकार - 2 काल के भेद - 3 विशेषण के भेद - 4 सर्वनाम के भेद - 6 क्रिया विशेषण के भेद - 4 क्रिया के प्रकार - 2 छंद के प्रकार - 2 अलंकार के प्रकार - 3 रस कितने प्रकार के होते है - 9 शब्द शक्ति के प्रकार - 3 वाक्य के घटक होते है - 2 वर्णों की संख्या - 52 व्यंजन वर्णों की संख्या - 33 संचारीभाव की संख्या - 33 सात्विक भाव की संख्या - 8 विभाव के भेद - 2 काव्य के भेद - 2 वेद कितने है - 4 वेदांग कितने है - 6 पुराण कितने है - 18 बौद्धों के धर्म-ग्रन्थ - 3 संगीत-स्वर के भेद - 3 नायिका के भेद - 3 नायक के भेद - 4 श्रृंगार के भेद - 2 हास्य के भेद - 6 वीर-रस के भेद - 3 काव्य के गुण - 3 विद्याएँ -18 विवाह प्रकार - 8 माताएँ - 7 रत्न के प्रकार - 9 राशियाँ - 12 दिन-रात के पहर - 8 वायु के प्रकार - 5 अग्नियाँ - 3 गुण के प्रकार - 3 शारीरिक दोष - 3 लोक - 3 ऋण के प्रकार ...

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पोंगल

भारतीय त्यौहारों को, प्रकृति भी मनाती है| है खिचड़ी तो देखिए, कुहरा प्रभात लाती है||         गुड़, तिल लाई संग        पतंगे हवा उड़ाती है|       माघ मकर रवि अंग,       भीड़ चली आती है|| मन्द मधुर हवाओ से चहुँ दिश महकाती है| उमंग,उत्साह भरा मन, गंग स्नान कराती है||            सक्रांति,बिहू,पोंगल,लोहडी जन मानस यूं मनाती है| स्नेह,माधुर्य,ओज रंग भर, 'अभिनव' मन को भाती है  रचयिता  श्री आनन्द नारायण पाठक 'अभिनव'    दारानगर-कौशाम्बी